
रक्षाबंधन का त्योहार इस साल शनिवार, 9 अगस्त 2025 को धूमधाम से मनाया जाएगा। श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन पड़ने वाला यह पर्व भाई-बहन के अटूट रिश्ते और प्यार का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उनकी लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना करती हैं।
लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, किसी भी शुभ काम से पहले शुभ (अभिजीत) और अशुभ (राहुकाल) समय का ध्यान रखना जरूरी है। इस साल भद्रा काल का असर तो नहीं है, लेकिन राहुकाल का समय जरूर आ रहा है, जिसे टालना जरूरी है।
राहुकाल में राखी बांधने से बचें
ज्योतिषियों के मुताबिक, राहुकाल में शुभ कार्य करने से रुकावटें और नकारात्मक परिणाम आ सकते हैं। इसलिए राखी बांधने का समय चुनते समय इस अवधि को अवॉइड करें।
दिल्ली में राहुकाल का समय: सुबह 09:07 बजे से 10:47 बजे तक
इस 1 घंटे 40 मिनट के दौरान राखी बांधने से बचें।
राखी बांधने का सबसे शुभ समय – अभिजीत मुहूर्त
अगर आप राखी का समय बिल्कुल शुभ चाहते हैं तो अभिजीत मुहूर्त में बांधें। इसे वेदिक ज्योतिष में सबसे पवित्र समय माना गया है।
दिल्ली में अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00 बजे से 12:53 बजे तक
यह 53 मिनट का समय सभी तरह के धार्मिक कार्यों और अनुष्ठानों के लिए बेहद शुभ है।
राहुकाल क्या है?
श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के पूजाविधि विभागाध्यक्ष प्रो. रामराज उपाध्याय बताते हैं कि राहु एक छाया ग्रह है, जिसकी अवधि में कोई भी नया या शुभ कार्य शुरू करना अशुभ माना जाता है। राहुकाल रोज़ाना करीब 1.5 घंटे का होता है और इसका समय सप्ताह के दिन और सूर्योदय के अनुसार बदलता है।
राहुकाल में किन कामों से बचें:
- विवाह, सगाई या राखी बांधना
- नया व्यवसाय शुरू करना या करियर से जुड़े बड़े कदम
- लंबी यात्रा की शुरुआत
- बड़े आर्थिक लेन-देन
- प्रॉपर्टी, वाहन या अन्य महंगे सामान की खरीद-बिक्री
बहनों के लिए टिप: शुभ मुहूर्त में ही बांधें राखी, तभी होगा भाई का जीवन खुशियों से भरा।